डॉ. राजेंद्र प्रसाद नवानी ने स्व. दीनदयाल नवानी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने प्रवासियों को संगठित कर समाज सेवा का अद्भुत कार्य किया, वह हमारे लिए प्रेरणास्रोत है और नवानी भ्रातृत्व सम्मेलन द्वारा समाज सेवा और उत्तराखंड के विकास के लिए यथासंभव कार्य किए जायेंगे और सही मायने में यह स्व. दीनदयाल नवानी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में पूर्व प्रधानाचार्य शिव प्रसाद कुकरेती ने स्व. दीनदयाल नवानी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके द्वारा क्वेटा तथा स्वतंत्रता के बाद सहारनपुर तथा देश के अन्य भागों में प्रवासी पहाड़ियों को संगठित कर समाज सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया था। सेवानिवृत्ति के बाद बारह साल तक निर्विरोध ग्राम प्रधान रह कर क्षेत्र के विकास में अभूतपूर्व योगदान दिया, उससे हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
ग्रामीण विकास नागरिक मंच के अध्यक्ष और कार्यक्रम के आयोजक प्रवेश चंद्र नवानी ने उनके संगठन द्वारा किए जा रहे लोककल्याण के कार्यों का ब्योरा रखा गया। प्रसार भारती के पूर्व निदेशक चक्रधर कंडवाल ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए विनसर प्रकाशन के संचालक कीर्ति नवानी द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि विनसर प्रकाशन ने उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास, भूगोल, कला साहित्य पर जितना काम किया गया है, वह बेमिसाल है।